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Kuwait airport पर 60 भारतीय फंसे, 13 घंटे की कठिनाई का सामना, यात्री बोले- यह एक दुःस्वप्न से कम नहीं था

Kuwait airport पर रविवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 60 भारतीय नागरिकों को 13 घंटों से अधिक समय तक एयरपोर्ट पर फंसा रहना पड़ा। यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब एक गल्फ एयर की फ्लाइट, जो मुंबई से मैनचेस्टर जा रही थी, तकनीकी खराबी के कारण कुवैत में इमरजेंसी लैंडिंग करने को मजबूर हुई। फ्लाइट के तकनीकी कारणों के चलते यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबा समय बिताना पड़ा, जिससे उनके लिए एक भीषण अनुभव बन गया।

तकनीकी समस्या के कारण फ्लाइट में आई देरी

गल्फ एयर की फ्लाइट को तकनीकी कारणों के चलते कुवैत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस कारण लगभग 60 भारतीय यात्री कुवैत एयरपोर्ट पर फंसे रहे, और उन्हें 13 घंटे से अधिक समय तक एयरपोर्ट के टर्मिनल में रहना पड़ा। यात्रियों ने अपनी कठिनाई सोशल मीडिया पर साझा की, जिसके बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और एयरलाइंस के साथ मिलकर वैकल्पिक फ्लाइट की व्यवस्था करने का प्रयास किया।

Kuwait airport पर 60 भारतीय फंसे, 13 घंटे की कठिनाई का सामना, यात्री बोले- यह एक दुःस्वप्न से कम नहीं था

यात्रियों ने सोशल मीडिया पर साझा की परेशानियां

यात्री अपनी परेशानियों को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिली। कुवैत एयरपोर्ट पर यात्रियों के साथ हुए व्यवहार को लेकर कई आरोप लगाए गए। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें गल्फ एयर के यात्री एयरपोर्ट अधिकारियों से बहस करते हुए नजर आ रहे हैं। यात्रियों का आरोप था कि उन्हें सिर्फ यूरोपीय यूनियन (EU), ब्रिटेन और अमेरिका के नागरिकों को ही होटल में ठहराया गया, जबकि भारतीय, पाकिस्तानी और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के नागरिकों के साथ भेदभाव किया गया।

यात्रियों का आरोप, भेदभाव का शिकार

यात्रियों ने आरोप लगाया कि एयरलाइन और एयरपोर्ट अधिकारियों ने उनका सही तरीके से ख्याल नहीं रखा। एक यात्री अर्शू सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि उसने कम से कम लाउंज एक्सेस की मांग की थी, लेकिन अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा, “अगर आप भारतीय या पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक हैं और ट्रांजिट वीजा के लिए योग्य नहीं हैं, तो हमें बाहर होटल में भेजने का कोई सवाल नहीं है।” अर्शू सिंह ने कहा कि जब उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि हमारे बारे में क्या किया जाएगा, तो जवाब था कि हम आपकी तरफ बाद में ध्यान देंगे। करीब दो घंटे तक दौड़ने के बाद हमें लाउंज में बैठने का मौका मिला। पहले चार घंटों तक हमें पानी भी नहीं दिया गया।

भारतीय दूतावास की मदद और सुरक्षा उपाय

कुवैत में भारतीय दूतावास ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत यात्रियों की मदद के लिए कदम उठाए। दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि उनकी टीम एयरपोर्ट पर मौजूद है और एयरलाइन के साथ समन्वय करके यात्रियों के लिए वैकल्पिक फ्लाइट की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, यात्रियों को एयरपोर्ट के दो लाउंज में आराम करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। दूतावास के अधिकारियों ने यात्रियों को भरोसा दिलाया कि उनकी मदद की जाएगी और उन्हें जल्द से जल्द राहत दी जाएगी।

एयरपोर्ट पर कठिन समय का सामना

यात्रियों ने बताया कि विमान की लैंडिंग के दौरान एक यात्री ने देखा कि विमान का इंजन जलने जैसा था और धुंआ निकल रहा था। इसके बाद लैंडिंग के बाद भी यात्रियों को बैठने के लिए जगह नहीं दी गई, और वे घंटों तक फर्श पर बैठने के लिए मजबूर हो गए। यात्रियों ने कहा कि वे बार-बार एयरपोर्ट अधिकारियों से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उन्हें केवल अस्थायी रूप से लाउंज में जाने की अनुमति दी गई, लेकिन वहां भी अन्य सुविधाएं जैसे कंबल और भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी।

पेसेंजर्स की भावनाएँ और प्रतिक्रिया

यात्रियों ने इस पूरी घटना को एक भयंकर अनुभव बताया। कुवैत एयरपोर्ट पर 13 घंटों तक फंसे रहने के दौरान यात्री निराश और गुस्से में थे। उन्होंने कहा कि उन्हें एक ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा, जो उनके लिए किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था। जब उनके साथ भेदभाव और बुरा व्यवहार किया गया, तो उनके मन में गहरी निराशा और आक्रोश था। हालांकि, दूतावास के हस्तक्षेप के बाद कुछ राहत मिली, लेकिन फिर भी यात्री इस अनुभव को कभी नहीं भूल पाएंगे।

समाप्ति और आगे के कदम

हालांकि, भारतीय दूतावास ने यात्रियों को राहत प्रदान करने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि कभी-कभी अप्रत्याशित घटनाओं के दौरान एयरलाइंस और एयरपोर्ट अधिकारियों द्वारा यात्रियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि यात्रियों को उनके मूल देश की ओर से तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है, खासकर जब वे विदेश में संकट में होते हैं।

आखिरकार, भारतीय दूतावास ने यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक स्थिति में बैठने की व्यवस्था की और उन्हें जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने गल्फ एयर से आग्रह किया कि वे यात्रियों के साथ हुए असामान्य व्यवहार के लिए माफी मांगें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

इस प्रकार की घटनाएं दिखाती हैं कि यात्रियों के अधिकारों की रक्षा और उनके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान।

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